शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2009

हिन्दी बनाम अंग्रेज़ी

हमारे कोलेजों में जो एम.ए और बी .ए स्तर पर पढ़ाई होती है, उसमे केवल हिन्दी और संस्कृत को छोड़ कर लगभग बाकी सभी का माध्यम अंग्रेज़ी में ही है और अधिकतर टीचर्स भी इंग्लिश में ही पढ़ते - पढाते हैं क्योंकि इससे उन्हें सुविधा होती है ऐसा उनका मानना है पर इस बात पर कोई भी ध्यान नही देता कि जो छात्र - छात्राएं हिन्दी माध्यम से हैं , क्या उन्हें इन टीचर्स कि बात पूरी तरह से समझ आती है ? या उन्हें क्लास में और उसके बाहर भी कितनी मेहनत करनी पड़ती है और यहाँ तक की मेहनत करने के बाद भी उन्हें न तो अच्छे नम्बर ही मिल पाते हैं और न ही इन कम नम्बरों की वजह से वे कहीं दाखिला ही ले पाते है ऐसे में उन छात्र - छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो जाता है मुझे लगता है कि अध्यापको को इस बात पर ध्यान देना चाहिए और यदि सम्भव हो सके तो , या तो ख़ुद ही कुछ किताबे हिन्दी में छात्रों के लिए लिखनी चाहिए या अंग्रेज़ी से अनुवाद करना-करवाना चाहिए जिससे कि छात्रों कि समस्याएं कुछ कम हो सकें