सोमवार, 1 जून 2009
महंगी बसें और ये हाल
डी टी सी की हरी वाली बसों को देख के बड़ा ही दुख होता है एक तो ये बसें इतनी महँगी है और इसके बावज़ूद भी उनका बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा जाता उन बसों पर इतनी धुल जमी रहती है की देख के हमारा हंस रोता है की डी टी सी को इसी बस खरीदने की क्या जरूरत पड़ी थी जिनमे एक तो इतना पैसा बर्बाद होता है दूसरा गर्मियों में हवा भी नहीं आ पाती जिसके कारण कई बार बसों में आग भी लग जाती है जबकि इन बसों के बदले यदि डी टी सी दूसरी वाली बसें खरीदती तो ऐसी दो बसें खरीदी जा सकती थी मुझे लगता है इस बारे में परिवहन विभाग को सोंचना चाहिए
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1 टिप्पणी:
बिलकुल ठीक कह रहीं हैं,यह पैसे की बरबादी है,मेरे बलोग क्या भोतिकता ही,सम्मान है पर आने का धन्यवाद,और आपके विचारों का सम्मान करता हूँ ।
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