सोमवार, 27 अक्तूबर 2008
सरकारी नोकर और उनका वर्चस्व
आज का दिन कुछ ख़राब रहा पहले तो बस ही देर से आई दूसरा बस ने कही और उतारने की बजाए कही और उतार दिया । लेकिन फिर भी रास्ते में हुई एक बात को देख के मुझे कुछ अजीब लगा , बात ये थी कि कुछ रिक्शा और स्कूटर वाले खड़े होकर अपनी सवारी का इंतज़ार कर रहे थे इतने में एक पुलिस अधिकारी अपने कुछ सिपाहियों के साथ वहा आया और सिपाहियों से कहा '' मार साले को ये क्या तेरा बाप लगता है जो तू इसे इतने प्यार से भगा रहा है '' ये सब बाते सुन के मुझे दुःख हुआ और लगा कि अगर इसके पास सरकारी नोकरी है भी तो क्या इसका मतलब ये है कि वो इसका गलत फायदा उठाए और लोगों को इस तरह से गलियां दे मुझे लगता है का i हमें इस बारे में सोचना चाहिए , क्या आपको नहीं लगता ................................. ???
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