बुधवार, 24 सितंबर 2008
ये ऐसे भी , ये वैसे भी
दोस्तों लगता है की टाइम के साथ-साथ लोग भी बदलते जा रहे हैं , कुछ लोग तो ऐसे हैं जो मेरे सामने मुझसे मेरे बारे में कुछ और कहेंगे और दूसरों से कुछ और । पता नही उन लोगो में इतना दिमाग कहाँ से आ जाता है की वो दूसरों के साथ इतना गेम खेल लेते हैं । चलिए कोई बात नही, पर मै उनसे सिर्फ़ इतना ही कहना चाहूंगी की यारों कभी-कभी तो हमे भी कुछ बता दिया करो जिससे हमे भी तो पता चले की असल में आप हमारे बारे में क्या-क्या और कितना सोच लेते हैं ।
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1 टिप्पणी:
achchi soch hai
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